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बिहार के ‘माउंटेन मैन’ दशरथ मांझी की तरह एमपी में हैं एक ‘ट्री मैन’, बंजर पहाड़ को बना डाला हरा-भरा

मध्य प्रदेश के 'ट्री मैन' भेरूलाल धाकड़ ने बंजर पहाड़ को हरा-भरा कर दिया। उन्होंने पत्थरों में बीज लगाकर उगा डाले पैड़।

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बिहार के 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी की तरह एमपी में हैं एक 'ट्री मैन', बंजर पहाड़ को बना डाला हरा-भरा

बिहार के 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी को तो सभी जानते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि, मध्य प्रदेश में भी दशरथ मांझी की तरह एक भेरूलाल धाकड़ नामक शख्स रहते हैं। जहां एक तरफ दशरथ मांझी ने खुद की मेहनत के दम पर पहाड़ में से रास्ता निकाल दिया था तो वहीं, मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में रहने वाले भेरूलाल धाकड़ ने भी अपने दम पर एक बंजर पथरीले पहाड़ पर पेड़ उगाकर उसे हराभरा बना दिया है। भेरूलाल धाकड़ को जिले के लोग 'ट्री मैन' के नाम से जानते हैं।

हाथ में गेती-फावड़ा और सुबह से लेकर शाम तक पहाड़ पर जगह - जगह गड्ढे खोदना भेरूलाल दाकड़ की दिनचर्या बन चुकी है। जिले के नौगांव के रहने वाले 62 साल के भेरूलाल धाकड़ को लोग 'ट्री मैन' कहकर बुलाते हैं। भेरूलाल को ट्री मैन के नाम से पुकारे जाने पर उनका कहना है कि, लोगों में मेरी ये पहचान बनी, इससे लगता है कि, मेरी बरसों की मेहनत सफल हुई है।

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बंजर पहाड़ को बना डाला हरा-भरा

चाहे चिलचिलाती धूप हो या बारिश हर मौसम पेड़ लगाने के लिए भेरूलाल की कशमकश साल भर जारी रहती है। यह उनकी मेहनत का ही नतीजा है, जो उन्होंने अपने दम पर करीब 1500 से ज्यादा पौधे लगाकर गांव से सटी बंजर पहाड़ी को हरियाली की चादर ओढ़ा दी है। इस ट्री मैन ने बंजर पहाड़ी पर आम, संतरा, सीताफल, जामफल और बांस के पौधे लगाए है। इसमें सबसे ज्यादा पौधे आम के हैं। आम की दो दर्जन से ज्यादा वैरायटी यहां देखने को मिलती है।

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यहां से मिली प्रेरणा

भेरूलाल धाकड़ ऊर्फ ट्री मैन को पेड़ लगाने की यह प्रेरणा महाराष्ट्र के जलगांव से मिली है, जहां वें सन् 1984 में रोजगार की तलाश में गए थे। वहीं, एक सेठ की फार्म में काम करते हुए उन्होंने वृक्षारोपण की ये कला सीखी। इसके बाद 2002 में वापस अपने गांव नौगांवा आ गए। इसके बाद उनके मन में गांव की बंजर पहाड़ी को हराभरा रखने का ख्याल आया। फिर क्या था भेरूलाल वर्ष 2009 से इस कार्य में जुट गए। अपने अभियान में और 10 बीघा बंजर पहाड़ी को हरियाली में बदल दिया। अब अगला टारगेट पौधे लगाकर उन्हें बड़ा कर इस पहाड़ को हरियाली की चादर उड़ाने का है।